दोराहे पर खड़ा चीन, Xi Jinping ने नहीं किया ये काम तो अधूरा रहेगा सपना, पटरी से उतर जाएगा विकास
Chinese President Xi Jinping challenge: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तीसरा कार्यकाल मिल गया है. शी जिनपिंग को इस कार्यकाल में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. इसमें से एक चुनौती से पार पाए बिना शी का सपना केवल सपना ही रह सकता है.
Xi Jinping
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चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तीसरा कार्यकाल मिल गया है. माओ त्से तुंग के बाद तीसरा टर्म हासिल करने वाले शी चीन के दूसरे राष्ट्रपति बन गए हैं. चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस ने शी के नाम पर मुहर लगा दी है. शी को इस कार्यकाल में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. जीरो कोविड पॉलिसी के कारण देश की अर्थव्यवस्था पहले से ही धीमी विकास दर झेल रही है. इसके अलावा बेरोजगारी भी चीन में बढ़ रही है और कंज्यूमर्स का विश्वास भी डगमगा रहा है. ऐसे में शी के आगे एक और चुनौती है, जिसे पार पाए बिना उनका सपना अधूरा रहेगा.
दोराहे पर खड़ा है चीन
हॉन्ग कॉन्ग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के लेख में कॉलमनिस्ट वांग शियांगवेई ने लिखा है कि, 'शी ने पार्टी और चीन के समाज में अपना पूरा नियंत्रण स्थापित कर लिया है लेकिन, चीन फिलहाल दोराहे पर खड़ा है. सरकार के सामने बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था को उबारने की चुनौती है. इस परिस्थिति को अति वाम राष्ट्रवादियों ने और खराब कर दिया है. इन्हीं अति वाम राष्ट्रवादियों पर नकेल कसे बिना चीन को इस सदी के मध्य तक दुनिया की महाशक्ति बनाने का शी जिनपिंग का सपना केवल सपना ही रह जाएगा.
चलाया अपना एजेंडा
वांग शियांगवेई ने अपने लेख में चेतावनी देते हुए लिखा,'अति वाम राष्ट्रवादियों ने चीन और अमेरिका के बीच चल रही तकरार का फायदा उठाते हुए प्राइवेट सेक्टर पर कई कार्रवाई की है. उन्होंने देशभक्ति और वाम विचारधारा के प्रति समर्पण की आड़ में अपना एजेंडा चलाया है. कड़े शब्दों में कहें तो यदि देश में इन अति वाम राष्ट्रवाद की भावना पर नकेल नहीं कसी गई तो चीन का विकास पटरी से उतर सकता है. इसी के साथ शी का सपना केवल सपना ही रह जाएगा.'
अमेरिका की रणनीति पर चिंता
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लेख में वांग कहते हैं,'बीजिंग ने पहले ही अमेरिका की एशिया पैसिफिक रणनीति पर चिंता जाहिर की है. उसका कहना है कि ये चीन के उभारने को रोकने का एक प्रयास है. एनपीसी के सांसदों से बातचीत में शी ने कहा था कि अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिम देश ने चीन को दबाने के लिए प्रयास किए हैं. इसने देश के विकास के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है.
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पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और राष्ट्रपति जो बाइडन ने कई कदम उठाए हैं ताकि साउथ चाइना सागर, ताइवान में चीन की आक्रमकता पर लगाम लगाई जाए. इसे चीन अपना हिस्सा मानता है और हॉन्ग कॉन्ग पर भी अपना नियंत्रण मजबूत करना चाहता है.'
04:53 PM IST